आप सबको पता होगा लोकसभा में जो ‘One Nation, One Election’ Can Bill Pass वन नेशन वन इलेक्शन वाला पूरा बिल हैं । उसको इंट्रोड्यूस किया गया लोकसभा में । लेकिन इसको लेकर काफी ज्यादा विवाद भी हुआ हैं ।और अपोजिशन ने जमकर विरोध किया था। इनफैक्ट अपोजिशन का यह कहना हैं। BJP के पास नंबर्स हैं, ही नहीं इस बिल को पास कराने के लिए । जो बिल हैं ,वो इंट्रोड्यूस किया गया हैं, लोकसभा में ।
अब वाइडर कंसल्टेशन होगा। और उसके बाद पास किया जाएगा। लेकिन कांग्रेस पार्टी की तरफ से जो विप हैं। लोकसभा के अंदर Manickam Tagore उन्होंने क्या कहा ? उन्होंने कहा 2/3 मेजॉरिटी वाज नीडेड आउट ऑफ द टोटल 461 वोट्स बट द गवर्नमेंट सिक्योर्ड ओनली 263 वाइल द अपोजिशन गॉट 198 द वन नेशन वन इलेक्शन प्रपोजल फेल्ड टू गेन टू थर्ड मेजॉरिटी और इसी की वजह से लोग काफी ज्यादा जानना चाहते हैं। कि आखिरकार यह मामला क्या हैं ? नॉर्मली वोटिंग अगर आपने देखा होगा जब बिल पास कराया जाता हैं।तब होता हैं, लेकिन बिल इंट्रोड्यूस करते समय वोटिंग हुआ हैं।
तो ये क्यों हुआ ? यहां पर 2 थर्ड मेजॉरिटी का मतलब क्या हैं ?
सरकार ने दो बिल्स इंट्रोड्यूस किए हैं। जैसा कि आप सब जानते होंगे रामनाथ कोविंद जी का जो पूरा पैनल बनाया गया था। रिकमेंडेशन दिया हैं ।वन नेशन वन इलेक्शन का और बेसिकली सबसे पहले यह बोला गया हैं ,कि हमारे संविधान में दो बदलाव करेंगे और यहां पर दो बिल इंट्रोड्यूस करने होंगे।
तो एक बिल क्या हैं ? लोकसभा का चुनाव और जितने भी राज्य हैं,स्टेट्स हैं, उनका चुनाव एक साथ कराया जाए। और साथ ही साथ जो दूसरा वाला बिल हैं।उसमें बोला गया हैं ,कि जो यूनियन टेरिटरीज हैं। जहां पर लेजिस्लेटिव बॉडीज हैं। जैसे दिल्ली के अंदर हैं। जम्मू कश्मीर भी यूनियन टेरिटरी हैं।लेकिन वहां पर भी चुनाव होते हैं।
इसके अलावा पुदुच्चेरी हो गया । तो जो तीन यूनियन टेरिटरी हैं। उनका भी चुनाव इसके साथ कराया जाए। तो ये दोनों बिल इंट्रोड्यूस किया गया था । और जो कांग्रेस पार्टी के लीडर हैं।Shashi Tharoor उन्होंने कहा कि इंट्रोडक्शन के स्टेज के समय, सरकार सकार के पास 2 थर्ड मेजॉरिटी नहीं था। और उन्होंने यह भी कहा, यह जो बिल इंट्रोड्यूस किया जा रहा हैं।
यह डायरेक्ट अटैक हैं ,फेडरल स्ट्रक्चर पर। क्योंकि एक तरह से सरकार काफी बड़े स्तर पर चेंज करना चाह रही हैं ।जो कि नहीं होना चाहिए उन्होंने यह बोला दैट कांग्रेस आर नॉट द ओनली वंस दैट हैव अपोज्ड द बिल और भी कई सारे जो अपोजिशन पार्टीज हैं। उन्होंने बिल को अपोज किया हैं ।
क्योंकि हमारा जो संवैधानिक ढांचा हैं। जो बेसिक स्ट्रक्चर हैं। फेडरल स्ट्रक्चर हैं ।उसका वायलेशन करता हैं। बेसिकली Shashi Tharoor ये कह रहे थे कि अगर यहां पर सेंट्रल गवर्नमेंट फॉल होतीहैं । अगर गिरती हैं , इन केस बाय चांस तो यहां पर राज्य सरकार भी क्यों गिरना चाहिए।आपको बता दूं ऐसा नहीं हैं। क्योंकि Ramnath Kovind पैनल के द्वारा जो रिकमेंडेशन दिया गया। उसमें यह बोला गया हैं। कि सभी राज्यों की चुनाव और जो लोकसभा हैं । वो एक साथ होंगे। अगर सेंट्रल में गवर्नमेंट गिर जाती हैं।
मान लो BJP की सरकार हैं । वो गिर जाती हैं। उनके जो अलाइज हैं। Chandrababu Naidu, Nitish Kumar वो अपना ले लेते हैं । सपोर्ट तो उस केस में क्या होगा। मान लीजिए 2 साल पूरा हो गया। अब 3 साल बचा हैं।तो यहां पर जो नया चुनाव होगा लोकसभा का वो सिर्फ 3 साल के लिए होगा।
नॉर्मली क्या होता हैं। जब भी लोकसभा का नया चुनाव होता हैं ।तो 5 साल के लिए सरकार बनती हैं।लेकिन अब क्या हैं ,एक डेट स्पेसिफाई कर दिया जाएगा।
Shashi Tharoor का यह कहना था। कि फिक्स्ड टर्म जो हैं।वो 1969 के भी पहले होता था। लेकिन आगे चलकर क्योंकि हमारे देश में पार्लियामेंट्री सिस्टम हैं ? तो किसी राज्य में कभी सरकार बनती हैं ।कभी टूटती हैं ।और इसी की वजह से इसको ऐसे ही चलते रहने देना चाहिए।
लेकिन दूसरी तरफ BJP हैं ।और जो रूलिंग पार्टी हैं। उनका कहना हैं ।कि नहीं हम चाहते हैं, कि 5 साल में सिर्फ एक बार चुनाव हो इससे कई सारे फायदे होंगे। GDP को फायदा होगा। जो पैसा वेस्ट होता हैं, वो नहीं होगा। सरकार अपने काम पे फोकस कर पाएगी।
‘One Nation, One Poll’ Numbers Game
यह ‘One Nation, One Election’ हैं। या फिर वन पोल उसके पीछे का नंबर गेम क्या हैं ? सरकार कैसे उसको पास करा सकती हैं ? सिंपल यह जो बिल हैं, वह संविधान के अंदर चेंज करा रहा हैं। और इसीलिए हम इसको कहेंगे कॉन्स्टिट्यूशन अमेंडमेंट बिल और ये 129 कॉन्स्टिट्यूशन अमेंडमेंट बिल हैं ।
इस तरह का बिल होता हैं, जो हमारे देश के अंदर बड़े स्तर पर संविधान को चेंज करता हैं । और साथ ही साथ राज्यों के ऊपर भी इंपैक्ट डालता हैं। तो दोनों हाउसेस से लोकसभा से और साथ ही साथ राज्यसभा से 2/3 की मेजॉरिटी चाहिए होती हैं ।और इसके साथ-साथ हमारे देश में जितने भी राज्य हैं,उनके 50 % विधानसभा से पास होना चाहिए। तब जाकर हमारे संविधान में ये पूरा चेंजेस आएगा ।
What’s Next?
एक जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी बनाई जाएगी और इसके अंदरी टोटल 31 मेंबर्स होते हैं। अब जॉइंट पार्लियामेंट्री कमटी में लोकसभा और राज्यसभा दोनों दोनों से मेंबर्स होते हैं। लेकिन बहुत इंपॉर्टेंट हो जाता हैं। क्योंकि अगले 48 घंटों के अंदर-अंदर जो Amendment Bill जी हैं । उनको यह JPC बनानी पड़ेगी। इसका कारण यह हैं, अगर क्योंकि अभी जो सेशन हैं ।यह वाला जो सेशन हैं, विंटर सेशन पार्लियामेंट का वो फ्राइडे को खत्म हो जाएगा।
अब 20 दिसंबर के पहले-पहले उनको यह करना हैं। क्योंकि अगर JPC नहीं बनाई गई तो फिर वापस से इस बिल को इंट्रोड्यूस करना पड़ेगा। अगले वाले जो आपका पार्लियामेंट का जब बैठेगी जैसे बजट सेशन होगा।तो अगले सेशन में उनको यह बिल इंट्रोड्यूस करना पड़ेगा। तो इसकी वजह से 48 घंटे बचे हैं Amendment Bill जी के पास कि ये वो JPC को बनाते अब जेपीसी के अंदर कौन-कौन मेंबर्स होते हैं।अब जिस पार्टी के पास जितना स्ट्रेंथ हैं।उसके हिसाब से होता हैं।
जैसे भारतीय जनता पार्टी के पास पूरा जो लोकसभा हैं। 543 का उसमें से 240 मेंबर्स सिर्फ बीजेपी के पास हैं। तो सबसे ज्यादा यहां पर 31 मेंबर्स में से सबसे ज्यादा मेंबर्स आपका भारतीय जनता पार्टी के होंगे। फिर सेकंड नंबर पर कांग्रेस हैं ।जिनके पास 99 सीट्स हैं । तो उनके कुछ मेंबर्स होंगे तो ये 31 मेंबर्स का जो JPC होता हैं। इसमें से 21 मेंबर्स लोकसभा के होते हैं।
और 10 मेंबर राज्यसभा के होते हैं । और जेपीसी के पास समय होगा 90 दिन का कि उनको एक रिपोर्ट सबमिट करना हैं। कि आखिरकार उन्होंने क्या फैसला लिया हैं। और क्या सजेशन दिए हैं।और हो सकता हैं। कि अगर उनको ज्यादा टाइम चाहिए। तो वो टाइम भी एक्सटेंड किया जा सकता हैं। लेकिन यह हैं, JPC आखिरकार करेगी क्या ? मतलब JPC क्यों बनाया गया हैं ? सिंपल हैं,JPC इसलिए गया। वाइडर कंसल्टेशन किया जाए।
जो MPs मेंबर ऑफ पार्लियामेंट JPC के पार्ट नहीं हैं । उनसे चर्चा की जाएगी कि आप क्या सोचते हो ? बहुत सारे कांस्टीट्यूशनल जो एक्सपर्ट्स हैं। जैसे फॉर्मर जजेस हो गए, लॉयर्स हो गए,उनसे चर्चा होगी। कि वन नेशन वन इलेक्शन के बारे में आप क्या सोचते हैं ?
कैसे संविधान में चेंजेज किया जाए? फिर इसके अलावा जो इलेक्शन कमीशन के फॉर्मर मेंबर्स हैं। उनसे भी चर्चा कर सकती हैं ।JPC क्योंकि अल्टीमेटली बहुत बड़ी जिम्मेदारी होगी ? इलेक्शन कमीशन के ऊपर कि एक साथ इतना सारा चुनाव सभी राज्यों का चुनाव और सेंटर का चुनाव एक साथ कराना और यहां पर BJP का यह भी कहना हैं, कि वो देश के हर एक जो असेंबली स्पीकर हैं।
अलग-अलग राज्यों के असेंबली स्पीकर उनसे भी चर्चा करेगी। और अल्टीमेटली पब्लिक से भी फीडबैक लिया जाएगा। कि आप क्या सोचते हो इसको लेकर और फाइनली JPC ये सब कुछ बातचीत कर लेगी।
तो जो बिल हैं,उसको फाइनल रूप दिया जाएगा। क्योंकि अभी तो ये जो बिल इंट्रोड्यूस किया गया। वो ड्राफ्ट के फॉर्म में हैं।अगर कुछ चेंजेज वगैरह होता हैं ।तो यह बिल इसको लेकर सबमिट करेगी रिपोर्ट और फाइनली जब यह JPC सबमिट कर देगी।रिपोर्ट तो 2025 में हो सकता हैं।
फिर इसके ऊपर वोटिंग होगी तब देखना होगा कि क्या यह 2/3 से हो पाता हैं ? कि नहीं ? तो इसको लेकर जो चर्चा चल रही थी। ‘One Nation, One Election’ बिल को लेकर वो था क्या ? Read More